नई दिल्ली
कहते हैं ‘जल्दी का काम शैतान का’ होता है। कांग्रेस नेता शशि थरूर को यह बात शनिवार को समझ आ गई। दरअसल उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे पर दिए एक संबोधन पर टिप्पणी की थी। थरूर को लगा कि मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने शुक्रवार शाम ट्वीट किया कि ‘सब जानते हैं कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।’
अगले दिन थरूर को एक न्यूज रिपोर्ट से पता चला कि मोदी ने तो इंदिरा का नाम लिया था। शनिवार सुबह उन्होंने अपनी गलती मानते हुए ‘सॉरी’ लिखा और कहा कि ‘जब मैं गलत होता हूं तो स्वीकर करने में कोई समस्या नहीं होती।’
मोदी पर खूब बरसे थे कांग्रेसी नेता…
थरूर के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश समेत कई नेताओं ने यह कहा था कि मोदी ने इंदिरा गांधी को नजरअंदाज कर दिया। रमेश ने लिखा, “दुखद है कि हमारे प्रधानमंत्री इसे स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन 1971 के ऐतिहासिक घटनाक्रम में इंदिरा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान था, उनके साथ पीएन हसकर भी थे। मैंने इसे जबर्दस्त जुगलबंदी के बारे में लिखा है जिसका भारत और पूरे उपमहाद्वीप पर इतना असर हुआ।”
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने लिखा, “आज पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष का समारोह मनाने गए! क्या उन्होंने कभी हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और मेरे पिता स्वर्गीय श्री प्रणब मुखर्जी की भूमिका को स्वीकार किया? शायद इसलिए नहीं क्योंकि उनका अपना राजनीतिक एजेंडा है जिसे पूरा करने के लिए वह बेचैन हैं।”